चांद की सतह पर पानी झील या तलाब के रूप में नहीं है बल्कि चट्टान और धूलकणों में भाप के रूप में फंसा हुआ है।ऐसा भारत के पहले चाँद मिशन चंद्रयान के अध्ययन से पता चला है ।
चंद्रयान ने इसरो से संपर्क टूटने से पहले ही चांद पर पानी की तस्वीरें भेजी थीं। चांद पर पानी के बाद अब वहां जिंदगी होने की संभावना बढ़ गई है।
2020 तक देश का पहला मानवयुक्त मून मिशन शुरू होने की संभावना है ।
चंद्रयान ने चांद की सतह पर काफी बड़ी मात्रा में लौह युक्त खनिजों की खोज की है। चांद पर पायरोक्सिन जैसे लौह तत्व बहुत ज्यादा हैं।
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चांद की सतह पर पानी झील या तलाब के रूप में नहीं है बल्कि चट्टान और धूलकणों में भाप के रूप में फंसा हुआ है.
चांद की सतह पर काफी बड़ी मात्रा में लौह युक्त खनिजों की खोज की है। चांद पर पायरोक्सिन जैसे लौह तत्व बहुत ज्यादा हैं।
उपरोक्त नवीनतम वैज्ञानिक जानकारियो का हार्दिक आभार.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
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