लैंडस्टीनर ने १९०० में पता लगाया की सभी मनुष्यों का रक्त एक समान न होकर भिन्न भिन्न होता है ।
प्लाज्मा में हिपेरिन नामक एक पदार्थ होता है जो रक्त को जमने नही देता ।
लार में ताय्लिन नामक एंजाइम होता है । जो मंड को माल्टोज में बदल देता है ।
जब रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो श्वसन की गति बढ़ जाती है । इसे हाइपोक्सिया कहते है । ऐसी स्थिति पहाडो पर होती है ।
प्रत्येक बहुकोशिकीय जंतु में मांसपेशियां पायी जाती है । इन्ही के द्वारा शरीर में गति रहती है ।
हमारे शरीर में कालाजार नामक बिमारी सैंड फ्लाई नामक मक्खी से होता है ।
डायरिया मस्का नामक मक्खी से होता है ।
रुधिर कैंसर को माय्लोजिनस ल्यूकेमिया भी कहते है ।
1 comment:
आप का ब्लॉग मैं पड़ा (padhaa)
अच्छा लगा
अच्छा लगा कलम का प्रेम
और प्रेम का कलम ........
महोदय , आप से निवेदन है कि अपनी अच्छी से अच्छी रचनाये ये मेरे ब्लॉग मंच पर दे |
इसपर मैं लिखने के लिए आप को amantrit करता हूँ
आशा है कि आप अपने सबद मंच पर देंगे जैसी ब्लोगेर्स आप को अधिक से अधिक पसंद कर सकते है
आप का ईमेल होता तो मैं आप के देखने से पहले ही आप को उसका सदस्य bana देता
आप कि कवितायेँ अच्छी लगी और उनको पड़कर और भी अच्छा
नमस्कार
आपका भाई
अम्बरीष मिश्रा
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