यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार .........
* भारत में दुनिया के ४० परसेंट बाल विवाह होते है ।
* ४९ परसेंट लड़कियों का विवाह १८ वर्ष से कम आयु में ही हो जाता है ।
* लिंगभेद और अशिक्षा का ये सबसे बड़ा कारण है ।
* राजस्थान ,बिहार ,मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश और प बंगाल में सबसे ख़राब स्थिति है ।
* यूनिसेफ के अनुसार राजस्थान में ८२ परसेंट विवाह १८ साल से पहले ही हो जाते है ।
* १९७८ में संसद द्बारा बाल विवाह निवारण कानून पारित किया गया । इसमे विवाह की आयु लड़कियों के लिए
कम से कम १८ साल और लड़कों के लिए २१ साल निर्धारित किया गया ।
* भारत सरकार ने '' नेशनल प्लान फॉर चिल्ड्रेन २००५'' में २०१० तक बाल विवाह को पुरी तरह ख़त्म करने का
लक्ष्य रखा है ।
* भारत में दुनिया के ४० परसेंट बाल विवाह होते है ।
* ४९ परसेंट लड़कियों का विवाह १८ वर्ष से कम आयु में ही हो जाता है ।
* लिंगभेद और अशिक्षा का ये सबसे बड़ा कारण है ।
* राजस्थान ,बिहार ,मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश और प बंगाल में सबसे ख़राब स्थिति है ।
* यूनिसेफ के अनुसार राजस्थान में ८२ परसेंट विवाह १८ साल से पहले ही हो जाते है ।
* १९७८ में संसद द्बारा बाल विवाह निवारण कानून पारित किया गया । इसमे विवाह की आयु लड़कियों के लिए
कम से कम १८ साल और लड़कों के लिए २१ साल निर्धारित किया गया ।
* भारत सरकार ने '' नेशनल प्लान फॉर चिल्ड्रेन २००५'' में २०१० तक बाल विवाह को पुरी तरह ख़त्म करने का
लक्ष्य रखा है ।
2 comments:
विदेश मे बारह चौदह साल कि लड्किया मा बन रही है और वो हम्को कह रहे है कि भारत मे ये गलत हो रहा है ?
क्या वे एक कानून बना कर वहा कि इस वयबस्था को नहि खतम कर सक्ते है कि
१९ साल से पहले मा या बाप बन्ना गलत है
और सरकार इसे सन्रच्क को जेल मे डालेगी
मै बाल विबाह का पछ धर नही हू ।
haan Ambrish ji koi bhi aadmi iska pakshadhar nahi ho sakta......aapne sahi mudda uthaya hai ki videshon me ladkiyan 10 saalon me hi maa ban jati hai to kuch nahi hota wahan bhi kanun bana kar roka jana chahiye....
Post a Comment