Sunday, February 6, 2011

जर्नल 'साइंस' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत समेत तीसरी दुनिया के अधिकांश देशों को तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उपज में कमी की वजह से खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा...

हमें ग्लोबल वॉर्मिन्ग की समस्या को काफी गंभीरता से लेना होगा । क्योटो प्रोटोकॉल के

बाद आने वाले प्रोटोकॉल में इसके लिए पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिये ताकि कोई भी अपनी जिम्मेदारी से बच न सके।

भारत ग्लोबल वॉर्मिन्ग के लिहाज से हॉट स्पॉट है और इस वजह से यहां बाढ़, सूखा और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। मौसम में बदलाव के कारण ज्यादा बड़े स्तर पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी तंत्र बनाया जाए, नहीं तो तबाही और ज्यादा होगी।

जर्नल 'साइंस' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत समेत तीसरी दुनिया के अधिकांश देशों को तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उपज में कमी की वजह से खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। अभी समय है और समय रहते ही त्वरित उपाय करने होंगे नहीं तो परिणाम भयंकर हो सकते हैं।

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