Wednesday, April 15, 2009

ऋग्वैदिक काल की कुछ महत्वपूर्ण बातें ...

ऋग्वैदिक काल में पशुचारण का विशेष महत्व था ।
गविस्ती अर्थात ''गायों की गवेषणा'' ही युद्ध का पर्याय माना जाता था ।
पशु ही सम्पति के मुख्य अंग और दक्षिणा की मुख्य बस्तु होते थे ।
ऋग्वेद में एक स्थान पर देवताओं को भी गायों से उत्पन्न बताया गया है ।
लोग पणियों से डरते थे क्योंकि वे मवेशियों को चुरा लेते थे ।
सम्पति की गणना मुख्यतः मवेशियों से होती थी ।
पशुचारण सामूहिक रूप से किया जाता था ।
गायों के अतिरिक्त बकरियां , भेडें, घोड़े आदि पाले जाते थे ।
पशुपालन के मुकाबले कृषि का धंधा अमहत्वपूर्ण था ।

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