Friday, April 24, 2009

जैन धर्म की कुछ बातें ....

आवश्यक चुर्णी के अनुसार चेतक महावीर का भक्त था ।
उतराध्ययन सूत्र से पता चलता है की बिम्बिसार की आस्था जैन धर्म में थी ।
ओवाईव सूत्र अजातशत्रु को महावीर का भक्त बतलाता है ।
कौशाम्बी नरेश की रानी मृगावती जैन धर्म को मानती थी ।
सिन्धु सौवीर के राजा उदयन भी जैन धर्म को मानते थे ।

जैन धर्म में संसार को दुख्मुलक माना गया है ।
संसार त्याग और संन्यास ही व्यक्ति को सच्चे सुख की ओर ले जा सकता है ।
जैन धर के अनुसार सृष्टि करता इश्वर नही है ।
जैन धर्म में भी सांसारिक तृष्णा -बंधन से मुक्ति को निर्वाण कहा गया है ।
कर्म फल से मुक्ति के लिए त्रिरत्न का अनुपालन आवश्यक है ।

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